सिवनी ( संवाददूत ) – परिवार परामर्श केंद्र में 15 प्रकरणों में समझौता हुआ 20 प्रकरण रखे गए थे। जिसमें से एक प्रकरण में दोनों पति-पत्नी नौकरी करते थे दोनों के बीच पैसे को लेकर विवाद होता था पति बोलता था कि तू अपना पैसा खर्च कर पत्नी बोलती थी तू अपना पैसा खर्च कर मैं नहीं करूंगी मैं मानसिक रूप से परेशान होती थी पति भी पत्नी पर दबाव बनाता था दोनों के विचार नहीं मिलते थे पत्नी का कहना था की पति मारपीट भी करता है तान देता है दोनों को संतान नहीं थी दोनों अपना इलाज नहीं करना चाहते थे क्योंकि नौकरी करते थे तो दोनों के एगो आपस में टकराते थे किंतु पत्नी परेशान थी इसलिए आवेदन दी थी दोनों पक्षों को बुलाया गया समझाइए दी गई काउंसलर द्वारा बोला गया की नौकरी बहुत मुश्किल से मिलती है अपनी नौकरी ईमानदारी से करो दोनों पति-पत्नी अच्छे से रहो एक दूसरे को ताना मत दो समय आने पर दोनों एक दूसरे का सहयोग करें दोनों को भगवान ने कमाने वाला बनाया है तो दोनों एक दूसरे की जरूरत का ध्यान रखते हुए आपस में समस्या का समाधान करें और अच्छे से रहे प्यार से रहे दोनों को समझाया गया पत्नी भी मानी पति भी माना इस बात पर इनका समझोता हुआ दूसरे प्रकरण में भी पत्नी बस नौकरी करती थी और पति प्राइवेट काम करता था यहां पर पत्नी पति से ज्यादा परेशान थी दारू पीता था मारपीट करता था और उसको भी संतान नहीं थी नहीं दो संतान हो गई थी पर दोनों उसके दोनों का अबॉर्शन हो गया था पत्नी बहुत दुखी रहती थी उसके बावजूद पति अन्य महिला से बात करता था पत्नी ने मना करी तो पति उसको मारने पीटने लगा शराब पीकर आने लगा और घर से भागने लगा पत्नी अत्यधिक परेशान होने से आवेदन दी दोनों को बुलाया गया दोनों को समझाया गया कि जो चला गया उसमें अफसोस नहीं करना है आगे के लिए अपनी प्लानिंग करो और आगे अपना भविष्य बनाओ और सुख शांति से शांतिपूर्वक घर में रहो पति भी बोला कि मैं शराब नहीं पियूंगा पत्नी को अच्छे से रखूंगा जीवन यापन अच्छे से करूंगा खर्च दूंगा और उसको परेशान नहीं करूंगा इस बात के दोनों का समझौता हुआ परिवार परामर्श केंद्र में तीसरा प्रकरण था कि पति अन्य महिला से बात करता था पत्नी को यह बात पता चली तो दोनों के बीच में विवाद होने लगे पत्नी अपने मायके चली गई फिर बाद में समझाइए देने के लिए आवेदन जी की अब उसे औरत से बात नहीं करोगे संबंध नहीं रखोगे तो मैं रहने को तैयार हूं दोनों को बुलाया गया समझाया गया पति अपनी गलती स्वीकार किया कि मुझे अब अपना परिवार दिख रहा है मैं उसे अन्य महिला से बात नहीं करूंगा अपनी पत्नी पर ध्यान दूंगा और अच्छे से रखूंगा परिवार परामर्श केंद्र में प्रभारी ज्योति चौरसिया काउंसलरों में श्री छिददिलाल श्रीवास मीरा नामदेव कांता ठाकुर व श्रीमती पार्वती डहेरिया पैरालीगल वैलिंटियर उपस्थित थे 20 प्रकरण में 15 में समझौता हुआ बाकी सोचने समझने का मौका दिया गया अगली पेशी के लिए रखे गए।