सिवनी। मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित भोमा के समीप ग्राम सरेखा टोला निवासी सुरति कुमरे उम्र लगभग 30 वर्ष की जांघ की हड्डी किन्हीं कारणों से टूट गई थी जिसका ऑपरेशन सिवनी बालाघाट के पूर्व सांसद डॉ ढाल सिंह बिसेन के पुत्र लोकेश बिसेन ने अपने मल्टी बिसेन हॉस्पिटल में किया था मरीज महिला का ऑपरेशन 1 जून 2024 को सांसद पुत्र के अस्पताल में ही किया गया था महिला के जांघ की हड्डी टूटी गई थी जिसका लोकेश के द्वारा ऑपरेशन भी किया गया था परंतु महिला के पैर के निचले हिस्से में सूजन आ गई और कुछ दिनों बाद उसमें मवाद भर गया ऑपरेशन के उपरांत महिला के पैरों में दूसरी जगह इस तरह का जख्म कैसे बना इस बात की पुष्टि संवाददूत नहीं करते मगर कहीं ना कहीं डॉक्टर लोकेश के द्वारा महिला के उपचार में लापरवाही बरती गई है हम आपको बता दें कि महिला बहुमूल्य आदिवासी गांव की रहने वाली है और गरीबी रेखा के अंतर्गत अपना गुजर बसर करती है साथ ही शिक्षा की कमी से पीडिता पूरा परिवार जूझ रहा है इसलिए पीडिता एवं उसके परिवार वाले अपने साथ हुई लापरवाही पूर्वक इलाज की आवाज उठाने में सक्षम नहीं है जब ये बात मीडिया में आई और डॉक्टर लोकेश बिसेन से संपर्क किया गया तो डाक्टर लोकेश के द्वारा दिनांक 7 अक्टूबर 2024 को उस महिला के परिजनों से संपर्क करके महिला को अपने क्लीनिक बुलाया गया और वहां बुलाकर उस आदिवासी महिला के परिवार को डॉक्टर लोकेश बिसेन के द्वारा बेवकूफ बनाया गया और कहा गया की तुम्हारे पैर में बांस चुभने के कारण पॉयजन बना है आपको बता दें कि इस हॉस्पिटल में इलाज में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई मरीजों के साथ लापरवाही की घटनाएं सामने आई हैं। हाल ही में एक महिला के पैर में खराबी आई, जिसके लिए डॉक्टर की लापरवाही को जिम्मेदार बताया जा रहा है।


मरीज के परिजन ने अपनी दर्दनाक दास्ताॅं मीडिया से साझा करते हुए बताया कि कैसे उनके परिजन को इलाज में लापरवाही के कारण अपने पैर की तकलीफ से जूझना पड रहा है । मीडिया ने परिजनो की आवाज उठाई है और डॉक्टर लोकेश के खिलाफ प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जाॅच कर दोषियो के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। अगर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले ले तो ये खबर मरीजों के अधिकारों की लड़ाई को मजबूत बनाती है। अब देखना बाकी है की खबर प्रकाशन के बाद संबंधित विभाग हॉस्पिटल के संचालक एवं अस्पताल पर किस तरह की प्रशासनिक कार्यवाही करता है या फिर पत्राचार का खेल उक्त घटना पर हावी होता है।

सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार
आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर भी इस हॉस्पिटल में बड़ा स्केम होता है हॉस्पिटल के बाहर ही कई दलाल आयुषमैन के फायदे बताने के लिए तैनात रहते हैं और पूरा इलाज निःशुल्क करवाने की बात कहकर मरीज को बेवकूफ बनाने का खेल चलता है और फिर फिजिकल टेस्ट के नाम पर कई तरह की जाॅचो का खेल इस हास्पिटल के दलालों के माध्यम से चलता है और मरीजों को लूटा जाता है सूत्र तो यह भी बताते है कि डॉक्टर लोकेश के दलाल सरकारी जिला चिकित्सालय में भी सक्रिय रहते हैं


आयुष्मान भारत योजना के तहत बनाए गए आयुष्मान कार्ड की फ्रॉडिंग का बड़ा मामला सामने आया है, जहां देश भर में कई जगहों पर आयुष्मान कार्ड का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मामले में सिवनी विधायक ने भी आवाज उठाई थी जिसमें जबलपुर के एक हास्पिटल का नाम सामने आया था जहा लोगो के ले जाने के लिए एक बस का इस्तेमाल किया जाना था जिसे पुलिस ने अपने कब्जे मे ंले लिया। आरोप तो यह भी है कि अस्पतालों और मध्यवर्ती एजेंटों के बीच मिलीभगत से आयुष्मान कार्ड का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। इस मामले में कई राज्यों में जांच शुरू हो गई है और कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। आयुष्मान योजना की विश्वसनीयता को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे है और सरकार को इस योजना की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है।
यदि सांसद पुत्र डॉक्टर लोकेश बिसेन के हॉस्पिटल की आयुष्मान कार्ड योजना की निष्पक्ष जांच हो जाए तो कई मामले उजागर होने की संभावना है

’इनका कहना है’
महिला के पैर की हडडी चार महिने पहले टूटी थी जिसके बाद हमारे यहां आने से पहले देसी ईलाज महिला के द्वारा किया गया है जब हमने उसको देखा तो ऑपरेशन नहीं कर रहे थे महिलाओं के परिजन के रिक्वेस्ट के बाद हमने ऑपरेशन किया था ऐसे कई मरीज है जो मेरे अस्पताल पर आयुष्मान फ्राड के आरोप लगाते हैंए प्रशासन ने मुझे आयुष्मान योजना के 5 करोड़ रुपए का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया है यदि मरीज और उनके परिजनों को लगता है कि मेरे द्वारा गलती की गई है तो वह न्यायालय की शरण में जा सकते हैं हमारे खिलाफ 5 – 6 लोगो ने कोर्ट केस किया लेकिन सब हार गए।
’हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर’ ’लोकेश बिसेन’