सिवनी – आजकल भ्रष्टाचार इस कदर बढ गया है जिसकी जडे भी काफी मजबूत है जिसके चलते कोई भी काम बिना चढोत्तरी के सम्पन्न नही होता छोटा से छोटा चपरासी से लेकर बडे से बडा आफिसर भी बिना चढौत्तरी के काम नही करता है जो भ्रष्टाचार नही करता आज के समय में ऐसा बिरला ही अधिकारी होगा वरना आजकल तो यह फैशन सा हो गया है कि भ्रष्टाचार चलन में आ गया है इसके अलावा सूत्र तो यह भी बताते है कि चढोत्तरी नीचे तक ही सीमित नही रहती इसका हिस्सा उपर तक जाता है जिसके चलते सब अपना मुॅह बंद रखते है कुछ सामाजिक लोगो का तो जीवन ही समाप्त हो जाता है भ्रष्टाचार के खिलाफ लडते – लेकिन वो अध्याय चलता ही रहता है समाप्त ही नही होता।
सबसे बडी बीमारी अधिकारियो कर्मचारियो का एक ही जगह जमे रहना
आपको बता दे कि शासन की ट्रांसफर नीति के मुताबिक एक ही जगह पर अधिकारी या कर्मचारी को तीन वर्षो से अधिक समय तक पदस्थ नही रखा जा सकता तीन वर्षो के बाद उनका अन्यत्र स्थानान्तरण किया जाना चाहिए लेकिन हमारे जिले में बहुत से ऐसे अधिकारी कर्मचारी है जो वर्षो से एक ही जगह जमे हुए है एक ही जगह जमे रहने से उनकी जडे इतनी मजबूत हो चुकी है हम बात करे राजस्व विभाग कि तो कई पटवारी और आर आई ऐसे है जो वर्षो से एक ही जगह जमे हुए है और खुलकर भ्रष्टाचार कर रहे है। सबसे मजे की बात तो यह है कि इनका चढौत्तरी लेने का तरीके भी बडे अजीबो गरीब है ये लोग कभी चाय की दुकान मंें कभी घर पर कभी किसी चैराहे पर कभी किसी होटल पर कभी किसी ढाबे या ज्यादा डर रहा तो अपने अर्दली के माध्यम से ये लोग पैसा लेने से नही चूकते।
कुछ अधिकारी तो ऐसे भी है जो नौकरी के साथ कर रहे है ठेकेदारी
सूत्र बताते है कुछ विभाग ऐसे है जहां पर अधिकारी दो तीन चार वर्षो के बाद वापिस सिवनी में अपनी पदस्थापना करा चुके है और सांठगाॅंठ कर पार्टनरशीप में ठेकेदारी कर रहे है।
करोडो के कामो को निपटा देते है लाखो में
आपको बता दे खाली सिवनी जिले की बात करे तो बहुत से निर्माण कार्य ऐसे है जिनका काम करोडो में होना था लेकिन 25 से 30 लाख रूपयो में निर्माण कार्यो को पूर्ण करा दिया गया लेकिन अखबारो में खूब खबरो का प्रकाशन हो रहा है शिकायते हो रही है लेकिन उच्चस्तरिय एवं निष्पक्ष जाॅच के अभाव में भ्रष्ट अधिकारियो के हौसले इतने बुलंद है कि वे अपने कामो को बेखौफ होकर अंजाम दे रहे है उन्हे जनता की कोई फिक्र नही और ना ही सरकारी धन की उन्हे सिर्फ उन्हे अपने बैंक बैलेस और अधिक से अधिक सम्पत्ति बनाने और बडे बडे महानगरो में बेनामी सम्पत्ति बनाने की भूख मे चलते ये अपने ईमान को ताक में रखकर काम कर रहे है।
नौकरी के पहले और अब तक की हो जाॅच
अब आपको बता दे सरकार को चाहिए कि चाहे पंजीयक विभाग,कृषि विभाग,शिक्षा विभाग,खनिज विभाग,आदिवासी विकास विभाग,आबकारी विभाग,लोक निर्माण विभाग लोक स्वास्थ्य यांित्रकी विभाग इसके अलावा जो भी विभाग है उन सभी विभागो में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियो के नौकरी के पहले इन्होने शासन या विभाग को अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा क्या दिया था और अब इनके पास कहां – कहां कितनी सम्पत्ति है इनके बच्चो इनकी पत्नि और इनक नाते रिश्तेदारो की सम्पत्ति की भी जाॅच होनी चाहिए जिससे पता चल सकेगा कि आखिर इनके पास इतने कम समय में जिनके पास हजारो रूपये हुए करते थे उनके नाम करोडो की सम्पत्ति कहंा से कैसे आ गई और यह कहां से कैसे अर्जित की गई है इन सब बातो की जाॅच होनी चाहिए।
रिश्वत लेने का बदला तरीका
आपको बता दे अब रिश्वत लेने का तरीका भी बदल चुका है सूत्र बताते है कि अब अधिकारी सीधे रिश्वत नही लेते है जो दस्तावेज तैयार करने वाले लोग होते है उन्ही के माध्यम से सुविधा शुल्क लिया जाता है ताकी कोई इन्हे पकड ना सकें, और यदि कोई इस शुल्क को देने से इन्कार करता है तो ऐसे लोगो के कामो पर अडंगा लगाने के इनके पास हजारा तरीके होते है लोग इन सब बातो से बचने के लिए रिश्वत बिना किसी के सामने मुॅह खोले देने को मजबूर हो जाते है ।
सरकार सब कुछ दे लेकिन फिर भी नही मिटती धन की भूख
सरकार द्वारा अधिकारियो कर्मचारियो के लिए कई सारी सुविधाये मुहैया कराई गई है जिसमें सप्ताह में एक दिन के अवकाश के अलावा हर शासकीय अवकाश,इसके अलावा अन्य अवकाश साथ ही मेडिकल क्लेम साथ टीए/डीए के अलावा उन्हे आवास वाहन आदि के बाद रिटायरमेंट पर एक मुश्त रकम के अलावा पेंशन फिर भी इनकी रिश्वत लेने की भूख समाप्त ही नही होती।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार को उठाना होगा कठोर कदम
आपको बता दे भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियो कर्मचारियो के खिलाफ सरकार को कठोर कानून लाना होगा तभी इससे मुक्ति संभव है इसके लिए सरकार इनकी चल अचल सम्पत्ति की जाॅच खुफिया विभाग द्वारा कराई जाए,साथ ही इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाया जाये जो कि सिर्फ इनके करीबी लोगो की चल अचल सम्पत्ति की जाॅच करें कि नौकरी से पहले किसके पास क्या था और अब किस – किस बैंक में किसके कितने खाते है उनमे कितना पैसा है इनके पास प्लाट कितने है मकान कितने है खेती कितनी है गाॅव शहर के अलावा महानगरो में इनकी चल – अचल कितनी सम्पत्ति है इन सब की जाॅच हो और सारे खर्च काटने के बाद सम्पत्ति अधिक मिलती है तो सरकार तत्काल ऐसे लोगो की सम्पत्ति को राजसात करें जिससे हमारे राष्ट्र के विकास में यह धन काम आयेगा और भ्रष्टाचारियो को सबक मिलेगा और कही ना कही इस पर अकुंश लगेगा।