आज भी ऐसे गाॅव है जहां से बीमार लोगो को उपचार हेतु ले जाना होता है खटिया पर

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प्रशासन और वन विभाग के बीच अटकी 6 किलोमीटर सडक
सिवनी – आज के इस आधुनिक युग में जहां लोग चांद पर पहुॅचने की बात कर रहे है तो वही मोदी सरकार द्वारा गाॅंवो को शहर से जोडने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा जहां सडको का जाल बिछाया जा रहा है लेकिन आज भी कई सारे ऐसे गाॅव है जहां पर एम्बुलेस भी पही पहुॅच पाती है आगे की कल्पना करना भी मुश्किल है सरकार को सबसे पहले ऐसे ग्रामीण क्षेत्रो पर अपना ध्यान केन्द्रित करना होगा तभी देश की तरक्की मानी जा सकती है ऐसा ही एक मामला मंगलवार को जनसुनवाई में मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर जनपद पंचायत घंसौर के धूमामाल के ग्रामीण लोगो ने बताया कि ग्राम बखारी माल से उमरडीह चरगाॅव का 6 किलोमीटर तक मुख्यमंत्री ग्रेवल सडक पुल / पुलिया निर्माण हेतु 2.56 हेक्टेयर वन भूमि में सीएम ग्रामीण सडक निर्माण के संबंघ में ग्रामीणो ने बताया कि हमारी ग्राम पंचायत धूमामाल के पोषक ग्राम बखारी माल से उपरोक्त सडक की मांग पिछले वर्षो से ग्रामीण एवं क्षेत्रीय आम जनता द्वारा सडक निर्माण की जा रही है। यह सडक निर्माण अति आवश्यक है। माॅ नर्मदा का पावन तट होने की वजह से यहा पर 70 से 80 गाॅव के ग्रामीण जनो का आवागमन होता है। इस मार्ग की स्वीकृति दोनो मंत्रालयो से हो चुकी है जिसमें वनरक्षक उत्तर सिवनी वनमंडल द्वारा सडक निर्माण से पूर्व 66 लाख रूपये वन विभाग के कैम्प फंड में जमा कराने के बाद ही सडक निर्माण की बात कर रहे है। लोगो की समस्याओ पर गौर करते हुए वन विभाग को जो राशि जमा करनी है उसे कराने की मांग की गई है।
इस मामले में राजेश कुमार मरावी ने बताया कि हमारे यहा 2015 में सडक निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन प्रशासन की लापरवाही से यह कार्य बाधित हो रहा है आगे ग्रामीण ने बताया कि 6 किलोमीटर का रास्ता बेहद ही दुर्गम और कठिनाईयो भरा होता है हमारे यहा कोई बीमार हो जाये तो एम्बुलेस भी नही पहॅुच पाती है हमारे यहा से बच्चे केदारपुर पढाई करने जाते है उन्हे भी खासकर बारिश के दिनो भारी दिक्कतो का सामना करना होता है इसके अलावा यदि कोई प्रसूता महिला को यदि नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाना होता है तो उसे ले जाने के लिए खाट का सहारा लेना होता जो कि सबसे कठीनाई भरा और जोखिम भरा होता ऐसाी स्थिति में यदि समय पर उपचार नही मिला तो आप अंदाजा लगा सकते है कि मरीज के साथ या प्रसूता को किन स्थितियो का सामना करना पडता होगा।