सिवनी – सोमवार के प्रातः 8.45 बजे पेंच टाइगर रिजर्व के कुरई परिक्षेत्र अंतर्गत पश्चिम खामरीट बीट के कक्ष क्रमांक 630 में गश्ती के दौरान गश्ती दल को मांस के सड़ने की गंध आई। गंध की दिशा में जाने पर वन मार्ग से लगभग 20-25 मीटर दूर एक बाघ का शव मिला। शव लगभग दो तीन दिवस पुराना प्रतीत हो रहा था। गश्ती दल ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। मृत बाघ के शव के आसपास मिट्टी में खून के बहने के चिन्ह दिख रहे थे। इस मामले में पेंच टाईगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश सिंह ने बताया कि सबसे पहले किसी भी तरह से शिकार की संभावना को ध्यान में रखते हुए डॉग स्क्वाड की मदद से क्षेत्र की पूर्ण स्कैनिंग की गई, लेकिन डॉग केवल बाघ के शव एवं उसके आसपास ही घूमता रहा। जहंा बाघ मृत पाया गया उसके आसपास जितने भी पानी के स़्त्रोत थे उन सभी की जाॅच करने पर कोई ऐसे सबूत नही मिल पाया जिससे यह साबित हो सके कि किसी ने बाघ या अन्य जंगली जानवरो को मारने के उददेश्य से पानी में जहर मिलाया हो।
इसके अलावा घटनास्थल के पास कोई विद्युत लाइन भी नहीं है। घटनास्थल अभ्यारण के सघन वन क्षेत्र के अंतर्गत है और सबसे करीब का गांव भी न्यूनतम 3 किलोमीटर की दूरी उपरांत है। एनटीसीए के प्रोटोकॉल अनुसार एनटीसीए द्वारा नामित विशेषज्ञ की उपस्थिति में दो वन्यजीव चिकित्सकों के द्वारा उक्त बाघ का पोस्टमार्टम किया गया। चिकित्सक दल को शव परीक्षण के दौरान बाघ की आयु लगभग 3 से 4 वर्ष एवं लिंग नर पाया गया। पोस्टमार्टम में बाघ के गले एवं शरीर में दो-तीन अन्य जगहों पर अन्य बाघ के केनाइन द्वारा किए गए पंचर मार्क मिले एवं इन्हीं से हुए घावों के कारण अत्यधिक खून बहने से बाघ की मृत्यु होना प्रतीत हुआ। उसके शरीर के समस्त अअवयव जैसे नाखून, मूंछ के बाल, केनाईन दांत, शरीर के साथ सुरक्षित पाये गये। सभी प्रारंभिक जाॅच के बाद भस्मीकरण समिति के सदस्यों तथा उपस्थिति अधिकारियों एवं कर्मचारियों के समक्ष शव को पूर्ण रूप से जलाकर नष्टो किया गया।