सिवनी – राजपूत कालोनी स्थित शिवमंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन भव्य गोवर्धन पूजन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कथावाचक राष्ट्रीय प्रवक्ता शैलेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को गोवर्धन पूजा का महत्व समझाया।


कथाव्यास ने बताया कि यह पर्व प्रकृति के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का संदेश देता है। उन्होंने श्रीकृष्ण की कथा सुनाते हुए बताया कि भगवान ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा हमें अहंकार त्याग कर विनम्रता और प्रकृति प्रेम का संदेश देती है।
श्रद्धालुओं ने गोबर से बने प्रतीकात्मक गोवर्धन पर्वत का पूजन किया और अन्नकूट प्रसाद अर्पित किया। पूजन के बाद भगवान श्रीकृष्ण की भव्य आरती की गई। श्रद्धालुओं ने गोवर्धन महाराज की जय के जयघोष से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
कथा में गोर्वधन पर्वत की महिमा को समझाते हुए वृन्दावन जाना है,हमें राधे – राधे गाना है हमें राधे राधे गाना है। इसके साथ ही श्रीकृष्ण के द्वारा बकासुर,अघासुर,धेनकासुर समेत और कालिया मर्दन प्रसंगो पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जब जब धर्म की हानि होती है तब तब ईश्वर धरती पर मानव रूप में अवतार लेकर उनका नाश करते है। खासकर जब गौ और साधु संतो और भगवान के भक्तो पर अत्याचार बढ जाते है तो ईश्वर को अवतार लेना ही पडता है।
कार्यक्रम में गुप्ता परिवार समेत कई श्रद्धालु मुख्य यजमान के रूप में शामिल हुए। इसके अलावा महिलाओ पुरूषो सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। पूरे क्षेत्र में गोवर्धन पूजा का उल्लास देखने को मिला और भक्तगण भक्ति भाव में लीन दिखाई दिए।